श्रावण सोमवार शिव रुद्र अभिषेक पूजा 2024 आचार्य लोकेश जागीरदार के साथ
Shravan Somvar Shiva Rudra Abhishek Puja
श्रावण को वर्ष का सबसे पवित्र महीना माना जाता है। यह हिंदू कैलेंडर का पाँचवाँ महीना है जिसे सावन के नाम से जाना जाता है और इसे हिंदू हिंदी कैलेंडर के चार सबसे पवित्र महीनों में से एक चातुरमास का पहला महीना भी कहा जाता है। पूर्णिमा के दिन आकाश में “श्रावण” नक्षत्र होता है, इसलिए इस महीने को श्रावण कहा जाता है।
श्रावण का महत्व
सावन का हर दिन भगवान की पूजा के रूप में देखा जाता है। भगवान शिव के मंदिरों में भगवान से विशेष प्रार्थनाएँ और अनुष्ठान किए जाते हैं। श्रावण महीने के सोमवार या सोमवार को भगवान शिव के लिए विशेष रूप से शोक मनाया जाता है। इस महीने में अनगिनत धार्मिक उत्सव मनाए जाते हैं जिनमें नाग-पंचमी, कालक्यवतार, पुत्रदयाकादशी, श्रावणी पूर्णिमा, रक्षा बंधन, वरा लक्ष्मी व्रत, ऋषि पंचमी, गोवत्स और इस महीने के लगभग सभी दिन शुभ होते हैं।
श्रावण सोमवार व्रत 2024
प्रथम श्रावण सोमवार व्रत का प्रारंभ 22 जुलाई 2024, सोमवार से होगा। इसके बाद 29 जुलाई, 5 अगस्त, 12 अगस्त और 19 अगस्त 2024 को व्रत रहेंगे। इसके बाद श्रावण मास समाप्त हो जाएगा।
श्रावण सोमवार शिव पूजा 2024 का महत्व
श्रावण मास भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। इस माह के प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। प्रेमीजन भगवान शिव की पूजा और अभिषेक करते हैं। ऐसा माना जाता है कि सभी देवताओं में से भगवान शिव को सहज ही प्रसन्न किया जा सकता है। बेलपत्र चढ़ाने मात्र से ही तीन जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं।
व्रत और रुद्र अभिषेक पूजा के लाभ
ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति श्रावण मास के सोमवार व्रत, एक प्रदोष व्रत और शिवरात्रि व्रत रखता है, उसकी कोई भी मनोकामना अधूरी नहीं रहती। 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने से जो पुण्य प्राप्त होता है, वह इस व्रत को करने से प्राप्त होता है।
महिलाओं के लिए विशेष लाभ
महिलाएं अपने विवाहित जीवन की लंबी आयु और बच्चे की खुशी के लिए सावन सोमवार का व्रत रखती हैं। और शाम को रुद्र अभिषेक पूजन वैदिक पंडित से करवाया जाता है। अविवाहित युवतियां अपने जीवनसाथी के लिए यह व्रत रखती हैं। परिवार के बुजुर्ग लोग सौभाग्य, खुशी और प्रतिष्ठा पाने के लिए यह व्रत रखते हैं।
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रुद्र अभिषेक पूजा का महत्व
रुद्र अभिषेक इस दौरान किया जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण और लाभकारी अनुष्ठान है। रुद्र अभिषेक एक प्रथा है जिसमें भगवान पंचमुखी महादेव को प्रभावशाली वैदिक मंत्रों के साथ पंचामृत पूजा की जाती है ताकि इसे करवाने वाले व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकें। यह अभिषेक समृद्धि और सभी इच्छाओं की संतुष्टि देता है; यह निराशावाद को जड़ से खत्म करता है, नकारात्मक कर्मों को काटता है और जीवन में चारों ओर आनंद देता है।
पंचामृत पूजा
पंचामृत पूजा में दूध, दही, घी, शहद और चीनी शामिल होते हैं। रुद्र अष्टाध्यायी के नमक चमक सूक्त (रुद्र) के श्लोकों का उच्चारण करके शिवलिंगं को बेलपत्र, पवित्र जल, अमृत, दूध, दही, गन्ने का रस अर्पित करके किया जाता है।
सावन मास सोमवार 2024 शिवलिंग पूजन के लाभ
श्रावण सोमवार शिव पूजा करने से निम्नलिखित लाभ प्राप्त हो सकते हैं:
- यह व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा के अशुभ प्रभाव को कम करता है।
- यह श्रवण नक्षत्र के अशुभ प्रभाव को कम करने में मदद करता है तथा इसे व्यक्ति के लिए लाभकारी बनाता है।
- यह परिवार तथा व्यक्ति को अच्छे स्वास्थ्य तथा शुद्ध आत्मा का आशीर्वाद देता है।
शिव पूजा के शीर्ष 4 लाभ
- बाधाएं दूर करता है।
- समग्र स्वास्थ्य को बढ़ाता है।
- ज्ञान प्रदान करता है।
- सौंदर्य तथा वैवाहिक जीवन को समृद्ध करता है।
पंचमुखी महादेव शिव पूजा के लाभ
- घर में शांति तथा सद्भाव लाता है।
- भगवान शिव की पूजा करने से आपको अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है और आप कई तरह की बीमारियों और घातक बीमारियों से सुरक्षित रहते हैं।
- इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे परिवार के सदस्यों में खुशी और एकता बनी रहती है।
- इस पूजा से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और अविवाहित लड़कियों को उनकी इच्छानुसार जीवनसाथी मिल सकता है।
- इस पूजा को करने से विवाहित लोगों के रिश्ते में प्यार और स्नेह बढ़ता है।
- इस पूजा से भक्त आत्मा की मुक्ति या मृत्यु के बाद मोक्ष की ओर बढ़ सकता है।
- विवाहित महिलाएं अपने पति और बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाली के लिए भगवान शिव की पूजा करती हैं।
श्रावण सोमवार व्रत विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
- स्वच्छ वस्त्र धारण करें और भगवान शिव के सामने दीपक जलाएं।
- शिवलिंग को गंगाजल से स्नान कराएं।
- शिवलिंग पर बेलपत्र, दूध, दही, घी, शहद और चीनी चढ़ाएं।
- रुद्राष्टक का पाठ करें और भगवान शिव का ध्यान करें।
- दिनभर उपवास रखें और शाम को भगवान शिव की आरती करें।
- पूजा समाप्त होने पर प्रसाद ग्रहण करें।
व्रत के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
- व्रत के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।
- मांसाहार, शराब और अन्य तामसिक चीजों से दूर रहें।
- व्रत के दौरान क्रोध और विवाद से बचें।
- मन को शांत रखें और भगवान शिव का ध्यान करें।
श्रावण सोमवार के विशेष अनुष्ठान
- पंचामृत अभिषेक: पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करें।
- मंत्र जाप: “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
- महाशिवरात्रि व्रत: महाशिवरात्रि के दिन विशेष व्रत और पूजा करें।
आचार्य लोकेश जागीरदार के साथ श्रावण सोमवार शिव पूजा
आचार्य लोकेश जागीरदार के मार्गदर्शन में श्रावण सोमवार शिव पूजा का आयोजन विशेष रूप से किया जाता है। उनके दिशा-निर्देशों का पालन करके आप शिव पूजा के समस्त लाभ प्राप्त कर सकते हैं। For more details Click Here for Puja Links-
निष्कर्ष
श्रावण सोमवार शिव पूजा 2024 भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का उत्तम समय है। इस पूजा और व्रत के माध्यम से भक्त अपनी समस्त इच्छाओं की पूर्ति कर सकते हैं और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं।
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FAQs
- श्रावण सोमवार का व्रत क्यों किया जाता है?
- श्रावण सोमवार का व्रत भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने और समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए किया जाता है।
- रुद्र अभिषेक क्या है?
- रुद्र अभिषेक भगवान शिव की विशेष पूजा है जिसमें पंचामृत और वैदिक मंत्रों का उपयोग किया जाता है।
- श्रावण सोमवार के दिन क्या विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं?
- श्रावण सोमवार के दिन पंचामृत अभिषेक, मंत्र जाप और महाशिवरात्रि व्रत जैसे विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं।
- व्रत के दौरान क्या सावधानियाँ रखनी चाहिए?
- व्रत के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें, तामसिक चीजों से दूर रहें और मन को शांत रखें।
- श्रावण सोमवार का पहला व्रत कब है?
- श्रावण सोमवार का पहला व्रत 22 जुलाई 2024 को है।